मीटिंग

<b>30वीं वार्षिक बैठक</b>

30वीं वार्षिक बैठकफ़िक़्ह अकादमी नई दिल्ली , 07/03/2022

 

 

4 जुलाई सन् 2021 ई0

इस्लामिक फ़िक़्ह एकेडमी की प्रबन्धकीय विभाग का वार्षिक संगोष्ठी, विगत वषों के कार्यों का परिक्षण और आने वालों वर्षों के कार्यों की योजनाएं:

 

इस्लामिक फ़िक़्ह एकेडमी इंडिया के कार्यालय जामिया नगर दिल्ली में एकेडमी के ट्रस्ट की बैठक आयोजित हुई। एकेडमी के अध्यक्ष हज़रत मौलाना नेअमतुल्लाह आज़मी (अध्यक्ष हदीस विभाग दारुल उलूम देवबन्द) ने सभा की अध्यक्षता की, सचिव बराए सेमीनार हज़रत मौलाना मुहम्मद उबैदुल्लाह असअदी (बांदा), सचिव बराए शिक्षण विभाग हज़रत मौलाना अतीक़ अहमद बस्तवी साहब (लखनऊ), एकेडमी के कोषाध्यक्ष हज़रत मुफ़्ती अहमद याक़ूब दैवलवी (गुजरात) के अलावा हज़रत मौलाना अनीसुर्रहमान क़ासमी (पटना), हज़रत डाक्टर ज़फ़रुल इस्लाम सिद्दीकी (मऊ), हज़रत मुफ़्ती जुनैद अहमद फ़लाही (इंदौर), हज़रत मौलाना मुहम्मद सुफ़ियान क़ासमी (संस्थापक दारुल उलूम वक़्फ़ देवबन्द), हज़रत मौलाना ज़फ़र आलम नदवी (प्रोफेसर दारुल उलूम नदवतुल उलूम लखनऊ), हज़रत मुफ़्ती अनवर अली आज़मी (शैख़ुल हदीस दारुल उलूम मऊ), हज़रत मौलाना बदर अहमद मुजीबी (इमारते शरीआ फ़ुलवारी शरीफ़ पटना), और हज़रत मौलाना अब्दुल शकूर क़ासमी (केरल) ने उपस्थिति की। डाक्टर मुहम्मद मंज़ूर आलम साहब, उप सभापति मौलाना बदरुल हसन क़ासमी (कुवैत), हज़रत मौलाना मुफ़्ती अहमद ख़ानपूरी और क़ाज़ी अब्दुल अहद अज़हरी कुल सदस्य व्यक्तिगत व्यस्तता के कारण सम्मिलित नहीं हो सके। महासचिव ने माह अप्रैल सन 2020 ई0 ता मार्च 2021 ई0 की कार्यक्रम की रिपोर्ट पेश करते हुए बताया कि महामारी की अवस्था और संक्रमणकाल के कारण से प्रतिकूल परिस्थिती के बावजूद एकेडमी ने ज्ञान कथन में हिन्दुस्तान की सेवाएं, हिन्दुस्तान में क़ुरआनी ज्ञान के प्रचार प्रसार, अरबी भाषा के प्रोत्साहन एवं विकास में दिल्ली के विश्वविद्यालय की भागीदारी और उद्देश्य शरीयत पर कुछ मुख्य विद्वान व चिन्तनशील के अफ़कार व नज़रियात के शिर्षक पर सेमीनार आयोजित किये गये, इसी तरह प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत (अन्तर्गत) दो विषयों पर वर्कशाप रखे गये।

(1)       ‘‘शरीयत इस्लामी और बैनुल अक़वामी माआहदात में ख्वातीन के हुक़ूक़ का तकाबुली जायज़ा।

(2)       मौजूदा दौर में मक़ासिद शरीयत की ततबीक़’’

इसके अलावा विद्वानों बुद्धिजीवियों, अनेकों मदारिस के छात्रों और आधुनिक दर्सगाहों के छात्रों के लिए तेरह व्याख्यान का आयोजन किया गयां यह समस्त कार्यक्रम इस्लामिक फ़िक़्ह एकेडमी इंडिया के सभागार के अतिरिक्त अलमाहदुल आली पटना, दारुल उलूम मऊ, मरवा एजूकेशनल फाउन्डेशन लखनऊ में आयोजित हुए।

जारी है ज्ञान परियोजनाएं:

इस बीच एक ही विषय पर उर्दू और अरबी भाषा में 26 महत्वपूर्ण विषयों पर शोध लेख लिखे जा रहे हैं जिनमें कुछ काम पूरे हो गये हैं और ज्यादातर काम जारी है। पूर्वी भारत के विशेष परिस्थितियां को सामने रखते हुए उर्दू भाषा में आसामी मुसलमानों के शैक्षिक समस्याएं, इनकी तारीख व संस्कृति बंगला मुसलमानों की तारीख व मनीपूर के मुसलमानों की और बंगाल में मुसलमानों की शैक्षिक और आर्थिक सूरतेहाल अंगेजी भाषा में पूरी कराई गयी हैं। इस समय अरबी भाषा की आठ किताबों का उर्दू अनुवाद कराया जा रहा है जो वर्तमान समाजिक हालात के एतेबार से बहुत उपयोगी है। इसके अतिरिक्त एकेडमी का एक बड़ा काम स्थितियों से सम्बंधित शरई एहकाम पर पूरी की गयी इंसाइकलोपिडिया ‘‘अल मुफस्सल फ़ी एहकामुल मरआ’’ (ग्यारह खंडों में) का उर्दू अनुवाद भी है जो अन्तिम स्तर में है। एकेडमी के फ़िक़्ह फैसलों की हैसियत नई समस्या पर इंसाईकलोपिडिया की है। अब इसको इस तरह संकलित करने की कोशिश की जा रही है कि समस्या के साथ साथ उनके तर्क का भी वर्णन किया जाये।

सन् 2021 ई0 के ज्ञानात्मक व अनुसंधानात्मक योजनाएं:

इस मौक़े से सन 2021 ई0 की बची हुई अवधि के लिए ज्ञानात्मक योजनाए भी पेश किया गया जिसके अनुसार अठारह विषयों पर अनुसंधान किया जायेगी, हिन्दुस्तान में इस समय इस्लामो फोबिया का जो वातावरण पैदा किया गया है इस दृष्टिकोण में पांच पत्रिका पर काम चल रहा है। जिसका आधारभूत उद्देश्य हिन्दु मुसलमान संबन्धों को सुन्दर बनाना है। इंटरनेशनल इन्सटीटयूट आफ इस्लामिक थाट (अमेरिका) की जो किताबें क्रमवार से संबंधित है इनको उर्दू में परिवर्तित किया जा रहा है। शैक्षिक सेमीनारों के लिए 7 (सात) विषयों का चुनाव कार्यरूप में आया। यह कार्यक्रम दिल्ली लखनऊ अलीगढ़ और हैदराबाद में आयोजित किये जायेंगे। आधुनिक दर्सगाहों के छात्रों के प्रशिक्षण के लिए इंशा अल्लाह तीन गी्रष्म कैम्प रखे जायेंगे, जो अलीगढ़, हैदराबाद और भोपाल में आयोजित होगा, इनमें हिन्दुस्तानी धर्मों के मध्य विभिन्न तरह की योजनाए, सामूहिक शान्ति की स्थापना के सिलसिले में इस्लामी शिक्षाओं और ग़ैर सूदी बैंककारी जैसे विषयों पर लेक्चर्स होंगे। सन 2021 ई0 की वर्तमान छः माही के लिए दस व्याख्याओं, तीन किताबों के अनुवाद, दस किताबों का लेखन स्वयं एकेडमी की पांच किताबों के अरबी हिन्दी और अंग्रेज़ी भाषा में अनुवाद की योजना बनाई गयी है।

इस मौक़े से एकेडमी की पुननिर्मित अरबी उर्दू और अंग्रेज़ी वेबसाई का उदघाटन एकेडमी के अध्यक्ष हज़रत मौलाना नेमतुल्लाह आज़मी और आदरणीय सदस्य हज़रत मौलाना मुहम्मद सुफ़ियान क़ासमी के हाथों हुआ। इस वेबसाई पर एकेडमी की समस्त प्रकाशनों, सेमीनारों और कार्यक्रमों का विस्तृत विवरण प्रस्तुत किया गया हैं। जो विद्वानों और बृद्धिजीवियों के लिए उपयोगी है। श्री मुहम्मद अनीस असलम प्रशासनिक मामलों के प्रभारी, श्री सफदर अली नदवी अकादमी मामलों के प्रभारी और जनसम्पर्क मामलों के प्रभारी मुफ़्ती इम्तियाज़ अहमद क़ासमी और अन्य साथियों ने सभी प्रशासनिक मामलों को एक साथ संभाला और सौहार्दपूर्ण वातावरण में सभा की सुचारू व्यवस्था की गई।

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<b>29वीं वार्षिक बैठक</b>

29वीं वार्षिक बैठकफ़िक़्ह अकादमी नई दिल्ली , 07/03/2022

 

 

इस्लामिक फ़िक़्ह एकेडमी इंडिया की प्रबन्धक कमेटी की वार्षिक बैठक कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गये अगला फ़िक़्ही सेमीनार दारुल उलूम वक़्फ़ में होगा।

 

नयी दिल्ली दिनांक 7-8 नवम्बर सन 2020 ई0 को एकेडमी के सभागार में इस्लामिक फ़िक़्ह एकेडमी के कार्यकत्ता और आधारभूत व्यक्तियों की बैठकों का आयोजन किया गया। यह बैठक नियमानुसार माह मार्च में आयोजित होने वाली थी। लेकिन लाक डाऊन की वजह से इन दिनांकों में आयोजित नहीं हो सकी।

हज़रत मौलाना नेअमतुल्लाह आज़मी अध्यक्ष एकेडमी व अध्यक्ष हदीस विभाग, दारुल उलूम देवबन्द के सभा की अध्यक्षता की। महासचिव हज़रत मौलाना ख़ालिद सैफुल्लाह रहमानी, सचिव हज़रत मौलाना अतीक अहमद बस्तवी (अध्यापक हदीस व फ़िक़्ह दारुल उलूम नदवतुल उलूम लखनऊ), सचिव बराए सेमीनार व कार्यक्रम हज़रत मौलाना मुहम्मद उबैदुल्लाह असअदी (शैख़ुल हदीस जामिया अरबिया हथौरा बांदा), वित्त सचिव हज़रत मौलाना मुफ़्ती अहमद दवलवी (संस्थापक व प्रबन्धक जामिया उलूमुल कु़रआन जम्बूसर गुजरात), के अतिरिक्त हज़रत मौलाना डाक्टर जफरुल इस्लाम सिद्दीक़ी (भूतपूर्व शैख़ुल हदीस व सभापति अल मुदर्ससीन दारुल उलूम मऊ यू0पी0), हज़रत मौलाना मुफ़्ती जुनैद अहमद फलाही (इंदौर) ने सभा में भाग लिया और बहस में हिस्सा लिया। उप सभापति हज़रत मौलाना बदरुल हसन क़ासमी (कुवैत), उपाध्यक्ष हज़रत मौलाना अब्दुल अहद अज़हरी (शैख़ुल हदीस जामिया माअहद मिल्लत मालेगाँव), हज़रत मौलाना मुफ़्ती अहमद कानपूरी (शैख़ुल हदीस जामिया तालीमुद्दीन ढाभेल, गुजरात) हज़रत मौलाना अनीसुर्रहमान क़ासमी (फुलवारी शरीफ पटना) और हज़रत अब्दुल जलील क़ासमी (अध्यक्ष क़ाज़ी इमारते शरीया बिहार, उडीसा व झारखंड), कुछ सदस्य लोग चिन्तन में बीमारी के कारण सम्मिलत नहीं हो सके।

महासचिव हज़रत मौलाना ख़ालिद सैफ़ुल्लाह रहमानी ने माह अप्रैल 2019 ई0 में माह अक्टूबर सन 2020 ई0 की रिपोर्ट पेश की। रिपोर्ट की वजह से इस वर्ष वार्षिक फ़िक़्ही सेमीनार आयोजित नहीं हो सका, लेकिन इन्शा अल्लाह सन 2021 ई0 में यह सेमीनार दारुल उलूम वक़्फ़ देवबन्द में आयोजित होगा। जिसमें ‘‘बाग़ों में फलों की तिजारत’’, ‘‘महरम के बगै़र औरतों की यात्रा’’, और एक महत्वपूर्ण सैद्धान्तिक विषय ‘‘सद्दे ज़रिया’’ के बारे में विचार किया जायेगा। और इस संगोष्ठी में देश भर के विद्वान भाग लेंगे। कठिन परिस्थितियों के बावजूद अकेडमी ने सन 2019 ई0 की दूसरी छः माही में राजस्थान में इस्लाम और मुसलमान, मुद्दों और स्थितियों पर एक महत्वपूर्ण संगोष्ठी आयोजित की गयी। जिसकी अध्यक्षता प्रसिद्ध विद्वान हज़रत मौलाना फ़ज़लुर्रहीम मुजद्ददी ने की। जबकि ‘‘हिन्दुस्तान में प्राचीन एवं आधुनिक अरबी शायरी”  पर एक महत्वपूर्ण संगोष्ठी आयोजित हुआ जिसकी अध्यक्षता प्रोफेसर मुहम्मद असलम इस्लाही ने की। इस अवधि में एक बहुत ही महत्वपूर्ण सेमीनार दारुल उलूम मऊ यू0पी0 में आयोजित हुआ जिसका विषय ‘‘हिन्दुस्तान में इल्मे हदीस और मुमताज हिन्दुस्तानी मुहद्देसीनथा। यह दो दिवस्ीय सेमीनार हज़रत मौलाना मुहम्मद नेअमतुल्लाह आज़मी (अध्यक्ष एकेडमी) की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। जिसमें देश भर से लगभग ढ़ाई सौ विद्वान सम्मितलित हुए। देश के विभिन्न दर्सगाहों में पांच अकादमिक व्याख्या रखे गये। एकेडमी विगत दो वर्षों से फुक़हाए हिन्द की इन्साइकलोपिडिया ‘‘मौसूआते फुक़हाए हिन्दके नाम से संकलित करा रही है। इस वर्ष भी यह काम जारी रहा। एकेडमी नियमित व्यक्तियों के दृष्टिकोण से धार्मिक व असरी जमाअतों के फ़ुज़ला से महत्त्वपूर्ण धार्मिक व शोध विषयों पर खोजपूर्ण रचनाएं पूरी कराने का रहा। चुनांचे इस वर्ष 7 (सात) महत्त्वपूर्ण विषयों पर इसी तरह के लेख लिखवाए गये। और चौदह विषयों पर काम जारी है। अरबी जबान की 8 महत्त्वपूर्ण किताबों की उर्दू में अनुवाद कराया जा रहा है, एकेडमी का एक बड़ा काम कुवैत में पूरा होने वाली फ़िक़्ही इंसाइकलोपीडिया का फ़िक़्ही संग्रह का उर्दू अनुवाद है। इन दिनों एक और महत्त्वपूर्ण किताब ‘‘अलमुफ़स्सल ले अहकामिल मरआसम्पूर्ण ग्यारह खंडों का अनुवाद हो रहा है।

इसके आठ खंडों का अनुवाद हो चुका है और दोबारा से देख रेख की अवस्था में है, अन्य तीन खंडों के अनुवाद का काम जारी है। काम पूरा होने के बाद इंशाअल्लाह उर्दू भाषा के इस्लामी साहित्य में यह एक महत्त्वपूर्ण वृद्धि होगी।

सन 2021 ई0 के लिए सभा के मुख्य विद्वानों ने जो शैक्षिक योजनाएं बनाई हैं। इसका उल्लेख यह है कि सोलह विषयों पर अनुसंधानीय लेख लिखाए जायेंगे। सात धार्मिक व चिन्तनशील विषयों पर प्रशिक्षण केन्द्र रखे जायेंगे। दीनी मदारिस में आधुनिक और आधुनिक दर्सगाहों में दीनी दस विषयों पर लेक्चर का आयोजन कराया जायेगा। दिल्ली, लखनऊ, पटना, हैदराबाद, मुम्बई, इंदौर और कलकत्ता में आयोजित होगा। अलीगढ़, हैदराबाद और इंदौर में तीन ग्रीष्म इस्लामी कैम्प रखे जायेंगे। उत्तर दक्षिण के मुसलमानों की समस्या पर उर्दू और अंग्रेज़ी में पांच किताबों की रचनाएं व्यवहार में आयेगी।

वर्तमान परिस्थितियों के परिप्रेक्ष में महत्तवपूर्ण धार्मिक व शोधपूर्ण विषयों पर स्थानीय भाषाओं में साहित्य पूरा कराया जायेगा। यह साहित्य हिन्दी, बंगला, गुजराती, मराठी, मलयालम, तमील और तेलगू भाषा में होगा और इसमें दावती तत्वों को सामने रखा जायेगा। वर्तमान में घृणा भरे वातावरण में मुस्लिम काल शासन में धार्मिक समानता, मानवता का उपदेश और इस्लाम की दृष्टि में राष्ट्रीयता की उपयोगिता पर किताबों की तैयारी भी योजनाओं में शामिल हैं।

संस्थापक परिषद की रिक्त पदों पर पांच नये सदस्यों हज़रत मौलाना मुहम्मद सुफियान क़ासमी (संरक्षक दारुल उलूम वक्फ़ देवबन्द), हज़रत मौलाना ज़फ़र आलम नदवी (अध्यापक फ़िक़्ह व मुफ़्ती दारुल उलूम नदवतुल उलेमा लखनऊ), हज़रत मौलाना बदर अहमद मुजीबी नदवी (अल माहदुल आली इमारते शरीआ फुलवारी शरीफ़ पटना), हज़रत मौलाना मुफ़्ती अनवर अली क़ासमी (शैख़ुल हदीस व अध्यक्ष मदरसा दारुल उलूम मऊ यू0पी0) और हज़रत मौलाना अब्दुल शकूर क़ासमी (शैख़ुल हदीस दारुल उलूम इस्लामिया उचीरा, केरल) का निर्वाचन हुआ। एकेडमी के प्रबन्धकीय विभागों के इंचार्ज की हैसियत से मौलाना अनीस असलम मिफ़ताही, इन्चार्ज ज्ञान विभाग की हैसियत से मौलाना सफ़दर अली नदवी और इन्चार्ज बराए राब्ता के लिए मुफ़्ती इम्तीयाज़ अहमद क़ासमी को नियुक्त किया गया। यह सभी महोदय एकेडमी के प्राचीनतम सदस्यों एवं कार्यकत्ताओं में हैं और इनकी सेवाएं बड़ी उल्लेखनीय रही हैं।

इस अवसर पर विगत वर्षों में वफ़ात पाने वाले एकेडमी के ज़िम्मेदारान हज़रत मौलाना मुहम्मद बुरहानुद्दीन संभली रह0 (पूर्व उपाध्यक्ष), हज़रत मौलाना मुहम्मद क़ासिम मुज़फ्फ़रपूरी रह0 (संस्थापक सदस्य) और हज़रत मौलाना अमीन उस्मानी रह0 (पूर्व सचिव बराए प्रशासनिक विभाग) को भी स्मरण किया गया। इनकी सेवाओं की सराहना की गई, क्षमा और आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना की गयी। इस बात पर सदस्यों ने प्रसन्नता प्रकट की कि प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद एकेडमी के ज़िम्मेदारानों और कर्मचारियों ने एकेडमी के काम को किसी विलम्ब के बग़ैर जारी रखा और कोई अन्तर नहीं आने दिया।

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